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प्रिय मित्रों,
तुलसी विवाह और देव उठनी एकादशी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण और पूजनीय पर्व हैं। इस दिन तुलसी माता, जिन्हें माँ लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, का विवाह भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप से सम्पन्न होता है। इस पावन अवसर पर भगवान विष्णु अपनी योगनिद्रा से जागते हैं, और इसके बाद विवाह, गृहप्रवेश जैसे सभी मांगलिक कार्यों का आरंभ होता है।
इस वर्ष देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह का पर्व 12 नवंबर, 2024 को है। इस दिन प्रदोष काल में शाम 5:29 बजे से रात 7:53 बजे तक का समय पूजन के लिए सबसे शुभ माना गया है। सभी भक्तों को इस विशेष अवसर पर तुलसी विवाह की पारंपरिक पूजा विधि को पूर्ण श्रद्धा और विधिपूर्वक संपन्न करना चाहिए ताकि वे देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त कर सकें।
तुलसी विवाह के लिए गन्ने से मंडप बनाकर तुलसी के पास चौकी पर भगवान शालिग्राम की स्थापना की जाती है। तुलसी माता का 16 श्रृंगार करके उन्हें चुनरी पहनाई जाती है और फिर भगवान शालिग्राम के साथ उनकी परिक्रमा कर विवाह संस्कार संपन्न किया जाता है। यह माना जाता है कि जो लोग तुलसी विवाह करते हैं, वे अपने सभी कष्टों से मुक्त होते हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। जिनके घर में पुत्री नहीं है, वे इस विवाह का आयोजन करके कन्यादान के समान पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
तुलसी विवाह के दिन कुछ विशेष उपाय करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। इस दिन तुलसी के पास देशी घी का दीपक जलाकर "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का 11, 21, या 108 बार जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अतिरिक्त, भगवान विष्णु को केसर, गुड़ और हल्दी चढ़ाकर विवाह में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सकता है। तुलसी जल को पूरे घर में छिड़कने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिससे पारिवारिक जीवन में प्रेम और सौहार्द बना रहता है।
इस दिन पवित्र नदी के घाट पर दीपदान करना और वृक्षों के पास भी दीप जलाना अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है। यह मान्यता है कि इन उपायों को करने से देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।
अंत में, हम सभी भक्तों से अनुरोध करते हैं कि इस पावन तुलसी विवाह के अवसर पर पूरी श्रद्धा से पूजा करें। इस दिन देवी तुलसी और भगवान विष्णु की आराधना से आपके जीवन में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति होगी।
कृपया श्रद्धापूर्वक "जय माता तुलसी" कमेंट में लिखें और इस शुभ अवसर पर माता तुलसी और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करें। जय श्री हरि, जय विष्णु जी।
तुलसी विवाह 2024: तुलसी विवाह हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है जो देवउठनी एकादशी पर मनाया जाता है। इस दिन को तुलसी और भगवान शालिग्राम (विष्णु) के विवाह के रूप में मनाते हैं, जिससे घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है।
तुलसी विवाह का महत्व
तुलसी विवाह से धार्मिक मान्यताओं के अनुसार घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और आर्थिक समृद्धि आती है। तुलसी को घर में सौभाग्य और शुभता का प्रतीक माना जाता है। तुलसी विवाह से परिवार के बीच प्रेम और एकता बढ़ती है और विष्णु जी की कृपा बनी रहती है।
2024 में तुलसी विवाह कब है?
तुलसी विवाह का आयोजन इस साल 12 नवंबर 2024 को होगा। इस दिन यदि आप तुलसी विवाह का आयोजन करते हैं और एक नई तुलसी का पौधा लाकर घर में स्थापित करते हैं तो यह घर में सुख, समृद्धि और छप्परफाड़ पैसे की वृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
घर पर तुलसी विवाह की विधि
घर पर तुलसी विवाह की पूजा विधि में तुलसी के पौधे का श्रृंगार कर उसे भगवान विष्णु के साथ विवाह संस्कार की तरह सजाया जाता है। पूजा के बाद आरती और प्रसाद वितरण किया जाता है।
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