সবথেকে সস্তায় কিনুন / কিনলেই ক্যাশব্যাক

Chhath Puja Kab Hai 7 Ya 8 November 2024 | Kartik Chhath 2024 Date Time | छठ पर्व 2024 शुभ मुहूर्त

 दीपावली के बाद लोगों को छठ पूजा का बेसब्री से इंतजार रहता है। आस्था के इस प्रतीक छठ पूजा में छठी मैया और सूर्य देवता की उपासना की जाती है, जिसमें व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं। इस बार, दिवाली की तरह ही, छठ पूजा की तिथियों को लेकर लोगों में कुछ असमंजस है, जैसे कि "नहाय खाय" कब है, "खरना" कब होगा, और सूर्यदेव को अर्घ्य किस दिन दिया जाएगा। इसके अलावा, सुबह और शाम अर्घ्य देने का समय भी क्या रहेगा। इस वीडियो में हम आपको छठ पूजा की पूरी जानकारी देंगे।


Chhath Puja Kab Hai 7 Ya 8 November 2024 | Kartik Chhath 2024 Date Time | छठ पर्व 2024 शुभ मुहूर्त YouTube videos Click 🖕

छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, और उत्तर प्रदेश में मनाई जाती है, लेकिन अब इसे देश के अन्य राज्यों और विदेशों में भी श्रद्धापूर्वक मनाया जाने लगा है। आस्था का प्रतीक यह पर्व "महापर्व" कहलाता है, जिसमें छठी मैया और सूर्य देवता की पूजा श्रद्धा भाव से की जाती है। यह पर्व दीपावली के ठीक छह दिन बाद मनाया जाता है और चार दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत "नहाय खाय" और "खरना" से होती है। इसके बाद डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस पूजा में व्रती नदी में कमर तक जल में खड़े होकर सूर्य देवता को अर्घ्य देकर उनकी पूजा करते हैं और परिक्रमा करते हैं। 36 घंटे का यह निर्जला व्रत बहुत कठिन होता है, इसलिए इसे महापर्व कहा गया है। यह भी माना जाता है कि छठी माई की पूजा से व्रती को आरोग्य, सुख, समृद्धि, संतान सुख और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।


कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से सप्तमी तिथि तक छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है। इसकी शुरुआत "नहाय खाय" से होती है, दूसरे दिन "खरना" किया जाता है, तीसरे दिन संध्या में डूबते सूर्य को नदी में खड़े होकर अर्घ्य दिया जाता है, और चौथे दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और सप्तमी तिथि को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण (अन्न और जल ग्रहण) किया जाता है।



इस वर्ष छठ पूजा का पहला दिन, यानी "नहाय खाय," 5 नवंबर, मंगलवार को होगा। दूसरा दिन "खरना" या "लोहंडा" 6 नवंबर, बुधवार को पड़ेगा। तीसरे दिन, 7 नवंबर, गुरुवार को शाम के समय संध्या अर्घ्य दिया जाएगा। चौथा दिन, 8 नवंबर, शुक्रवार को होगा, जिसमें उगते सूर्य को उषा अर्घ्य दिया जाएगा, जो कि छठ पूजा का अंतिम दिन होगा। इस बार उदया तिथि के अनुसार 7 नवंबर, गुरुवार को ही मुख्य व्रत का दिन रहेगा।


छठ पूजा के सभी दिनों में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय इस प्रकार रहेंगे:


नहाय खाय (5 नवंबर): सूर्योदय 6:38 बजे सुबह और सूर्यास्त 5:04 बजे शाम।


खरना (6 नवंबर): सूर्योदय 6:39 बजे सुबह और सूर्यास्त 5:04 बजे शाम।


व्रत का दिन (7 नवंबर): सूर्योदय 6:39 बजे सुबह और सूर्यास्त 5:04 बजे शाम।


अंतिम दिन (8 नवंबर): सूर्योदय 6:40 बजे सुबह, और इसी दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाएगा।



षष्ठी तिथि 6 नवंबर, बुधवार, मध्यरात्रि 12:04 से प्रारंभ होकर 7 नवंबर, गुरुवार, मध्यरात्रि 12:34 पर समाप्त होगी, और गुरुवार पूरे दिन षष्ठी तिथि रहेगी। सप्तमी तिथि का आरंभ 7 नवंबर, गुरुवार, मध्यरात्रि 12:03 से होकर 8 नवंबर, शुक्रवार, रात 11:56 पर समाप्त होगा।


8 नवंबर, शुक्रवार को शुभ मुहूर्त के अनुसार सुबह 6:40 बजे के बाद व्रत का पारण किया जाएगा। अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो तो कृपया इस वीडियो को लाइक करें।

Chhath Puja 2024, Chhath parv 2024 date, kartik chhath kab hai 2024, Chhath Puja 2024 date time shubh muhurat, Chhath Puja vidhi bhog, Chhath Puja sun rise timing 2024, chhath puja sunset exact timing 2024, Chhath Puja festival in india 2024, kartik Chhath Puja 2024 date time, छठ पूजा 2024, छठा पूजा कब है 2024 में, कार्तिक छठ पूजा कब है, छठ पूजा कथा, छठ पूजा कितनी तारीख को है, छठ पूजा विधि, छठ पूजा पूजन सामग्री, छठ पूजा शुभ मुहूर्त 2024, छठी मैया की कहानी, छठ पर्व 2024


Newest
Previous
Next Post »

কিনলেই ক্যাশব্যাক